पंचायत दर्पण पोर्टल अपने प्रारंभिक रूप में पंच परमेश्वर योजना की जानकारी संकलित करने के उदद्यदेश्य से निर्मित किया गया था. उसके बाद इस इसका उपयोग ग्राम पंचायतों के द्वारा संपादित किए जाने वाले कार्यो को दर्ज करने के लिए किया जाने लगा किंतु पोर्टल पर कार्यो या अन्य जानकारियों की प्रविष्टि ग्राम पंचायतों की इच्छा पर निर्भर थीं . इस प्रकार पोर्टल जीवंत नहीं था तथा इसका उपयोग लगभग स्वैच्छिक था. प्रदेश में 1 अप्रेल् 2015 से यह अनिवार्य किया गया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में केवल एक खाता संधारित रहेगा तथा समस्त भुगतान केवल खाते से खाते में राशि हस्तांतरण की प्रकिया अनुसार किय जाऐगे. इस निर्णय अनुसार समस्त कार्यवाही पंचायत दर्पण पोर्टल पर की जाने हेतु निर्देशित किया गया तदनुसार एन.आई.सी. भोपाल के सहयोग से पोर्टल पर नये प्रावधान विकसित किए गए. आज इन्हीं प्रावधानों के उपयोग के द्वारा ग्राम पंचायत की लेखा व्यवस्था को कम्प्यूटराइजड किया गया है. वर्तमान में पोर्टल का मुख्य उदद्यदेश ग्राम पचायतों के समस्त अभिलेखो तथा समस्त प्रक्रियाओं को ऑनलाईन कर एक डिजीटील पंचायत की अवधारणा को क्रियन्वित कर डिजीटल इंडिया की स्थापना में अपना सक्रिय योगदान देना है. इसी क्रम में, प्रदेश के समस्त 21843 कुल ग्राम पंचायतों के एकल बैंक खतों को पोर्टल में फ्रीज करना, वेंडर ID रजिस्टर करना, सामग्रियों/मदों की सूचि तैयार करना, पंचायत कर्मियों की कार्मिक-सेवा सम्बन्धी जानकारियो को अद्द्तन करना, EPO (Electronic Payment Order through e-FMS) के माध्यम से ग्राम पंचायत के अंतर्गत क्रियान्वित कार्यो व् गतिविधियों का भुगतान करना जैसे महत्पूर्ण और प्रभावकारी गतिविधियों के माध्यम से पंचायत राज संस्थाओं को आम-जन के प्रति और अधीक प्रभावी, पारदर्शी, जवाबदेह और जन-जन के अपेक्षाओं को पाने में अधिक सशक्त, और उत्तरदायी इकाई के रूप में उभारना ही इसका मुख्या उद्देश्य हैं.